बलिया जनपद 25.33व तथा 26.11व उत्तरी अक्षांश एवं 83.39व तथा 84.39व पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। इस जिले की उत्तरी सीमा, सरयू नदी तथा दक्षिणी सीमा गंगा नदी द्वारा निर्धारित होती है। इन दोनों नदियोें के दोआब में स्थित बलिया जनपद की उत्तरी सीमा पर उत्तर प्रदेश का देवरिया जिला और बिहार का सीवान जिला है। पूर्वी सीमा पर बिहार का छपरा जिला, दक्षिणी सीमा पर बिहार का भोजपुर और बक्सर जिला तथा पश्चिमी सीमा पर उत्तर प्रदेश का गाजीपुर और मऊ जिला स्थित है। बलिया जिले की सम्पूर्ण लम्बाई पूरब से पश्चिम तक 184 किलोमीटर और चैड़ाई उत्तर से दक्षिण की ओर 60 किलोमीटर है। जिले का कुल क्षेत्रफल 3103 वर्ग किलोमीटर है। गंगा और सरयू के दोआब में स्थित बलिया जिले की धरातलीय संरचना के आधार पर खादर और बांगर दो क्षेत्रों में बाँटा गया है। खादर क्षेत्र में जलोढ़ मिट्टी में रेत मिश्रित होती है। इस क्षेत्र में प्रतिवर्ष बाढ़ के द्वारा नयी मिट्टी आती रहती है। जबकि बांगर क्षेत्र में प्राचीन जलोढ़ मिट्टी की मोटी परत पायी जाती है।

गंगा और सरयू के अतिरिक्त इस जनपद में तमसा जिसे छोटी सरयू या टोंस भी कहते हैं और उसकी सहायक नदियाँ भगही और लकड़ा तथा घाघरा की सहायक नदियाँ बूढ़ी, बहेरा, टिगहरा और कौंलास भी प्रवाहित होती है। जिले का सबसे बड़ा ताल सुरहा ताल है इसी ताल के पास ही जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय स्थित है। इसके अतिरिक्त दह मुड़ियारी ताल, कोइली मोहान ताल, भोइया-मझौली ताल तथा रेवतीदह ताल आदि कई बड़े-छोटे ताल स्थित हैं।

प्रशासनिक रूप से बलिया जनपद को छः तहसीलों- बलिया सदर, बैरिया, बाँसडीह, सिकन्दरपुर, बेल्थरारोड और रसड़ा में बाँटा गया है। जनपद में कुल सत्रह क्षेत्र पंचायतें, 163 न्याय पंचायतें और 853 ग्राम पंचायतें हैं। आबाद गांवों की संख्या 1830 तथा गैर-आबाद गांवों की संख्या 530 है। जिले में दो नगरपालिकाएँ बलिया तथा रसड़ा तथा 8 नगर पंचायतें हैं। बलिया जनपद में सात विधानसभा क्षेत्र बैरिया, बलिया सदर, बाँसडीह, फेफना, सिकन्दरपुर, बेल्थरारोड और रसड़ा हैं जो तीन लोकसभा क्षेत्रों बलिया, सलेमपुर तथा घोसी के अन्तर्गत आते हैं।